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Sunday, 3 October 2021

गैलेक्सी मे मिले दूसरी दुनिया के रहस्यमयी सिग्नल....

 गैलेक्सी मे मिले दूसरी दुनिया के रहस्यमयी सिग्नल....

हमारे ब्रह्माण्ड में ऐसे बहुत से उन्सुल्झे रहस्य हैं जिनका पता लगने के लिए दुनिया भर के स्पेस विज्ञानिक जी तोड़ मेनहत कर रहे है और सफल भी हुए है परन्तु ब्राह्मण में कुछ ऐसे तथ्य भी सामने आते है जो समझ से परे है कुछ दिनों पहले ऐसी ही एक घटना सामने आई है।

खगोलविद (Astronomer) लगातार अंतरिक्ष में जीवन की तलाश में जुटे हुए है इसी बीच पिछले कुछ दिनों से खगोलविद (Astronomer) हजारों साल पहले मृत हो चुके एक तारे (dead star) में अजीबोगरीब बदलाव देख रहे हैं। तारे से लगातार तेज सिग्नल मिल रहा है. वैज्ञानिक मान रहे हैं कि जल्द ही किसी बड़े रहस्य से परदा उठेने वाला है।इसकी शुरुआत हो चुकी है. दरअसल 28 अप्रैल से लगातार आसमान में एक मृत तारे से कोई सिग्नल आ रहा है. ये बहुत ज्यादा ताकतवर रेडियो वेव्स (Fast Radio Burst) हैं, जो एक सेकंड के भी हजारवें हिस्से जितनी देर के आती सुनाई दे रही हैं. माना जा रहा है कि ये रेडियो सिग्नल कोई बड़ा राज खोल सकते हैं.इसकी शरुवात कैसे हुई आइये जानते है इसी साल 28 अप्रैल को एक मृत तारे, जो हमारे यहां से 30 हजार प्रकाशवर्ष दूर है, में कुछ हलचल रिकॉर्ड हुई इससे इतनी चमकीली और हाई-फ्रीक्वेंसी रेडियो वेव निकल रही थी, जो पृथ्वी से भी दिखाई दे रही थी. ग्लोबल और स्पेस के X-ray में भी ये दिखाई दिया. ये किसी भी तारे से सुनाई देने वाली अपनी तरह की पहली आवाज है. कुछ वैज्ञानिक मान रहे हैं कि इससे fast radio burst (FRB) के बारे में जानकारी मिल सकेगी. परन्तु  इससे पहले जो सिग्नल मिलते रहे हैं, वे दूसरी आकाशगंगा से आते थे, लेकिन नया सिग्नल हमारी ही आकाशगंगा में स्थित तारे से आ रहा है.

क्या है फास्ट रेडियो बर्स्ट ,ये सुदूर ब्रह्माण्ड से आने वाली वे आवाजें या विस्फोट हैं, जिनके स्त्रोत का पता नहीं लग सका है. बेहद रहस्यमयी माने जाने वाली ये आवाजें काफी दूर होने के बाद भी एनर्जी से इतनी ज्यादा भरी होती हैं कि इनकी फ्रीक्वेंसी 500 मिलियन सूर्य जितनी होती है. साल 2007 में अमेरिकन खगोलविद Duncan Lorimer ने सबसे पहले इसका पता लगाया था, जिसकी वजह से इसे Lorimer Bursts नाम मिला. इसके बाद से कई बार ये आवाजें और रोशनी दिखी है. ये रोशनी इतनी तेज होती है जो खरबों सूर्यों के एक साथ कुल मिलीसेकंड के लिए जलने पर होगी. अभी तक दिखे पैटर्न से ये माना जा रहा है कि लगातार 4 दिनों तक ये आवाजें और रोशनी हरेक घंटे पर दिखती है, जिसके बाद 12 दिनों तक कोई गतिविधि नहीं होती है.बहुत पावरफुल हैअब की बार जो फ्रीक्वेंसी सुनाई दी है, इससे माना जा रहा है कि अंतरिक्ष में हो रहे किसी बड़े रहस्य का पता लगाया जा सकेगा. इस बारे में नीडरलैंड इंस्टीट्यूट फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी के शोधकर्ता Jason Hessels के मुताबिक ये फास्ट रेडियो बर्स्ट का रहस्य जानने की ओर बड़ा कदम है. आकाशगंगा में एक तारे से ये आवाजें आईं. ये तारा सूरज से कम से कम 40 से 50 गुना बड़ा है!

इसे SGR 1935+2154 नाम दिया गया है.क्या हो सकता है आवाज के पीछेकुछ हाइपोथीसिस के अनुसार ये आवाजें और रोशनी सुपरनोवा से लेकर एलियन तक का इशारा हो सकती है. वहीं कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि ये एक खास तरह के तारे का कोई संकेत है, जिसे Magenta's कहते हैं. ये ऐसे तारे हैं, जिनकी चुंबकीय शक्ति कुछ नहीं तो भी धरती से खरबों-खरब गुना ज्यादा ताकतवर है. यानी अगर ये स्त्रोत पास खिसककर चंद्रमा जितनी दूरी पर आ जाए तो ये वहीं बैठे-बैठे ही आपकी जेब से आपकी चाबी को अपनी ओर खींच लेगा, यानी कुल मिलाकर दुनिया नष्ट कर देगा. हमारे पास जो उपकरण हैं, उनसे बहुत अच्छी तरह से इन रेडियो वेव्स का पता नहीं लग पाता है लेकिन इन  दिनों में ये ज्यादा स्पष्ट होता जा रहा है. साल 2018 में सबसे पहले CHIME (Canadian Hydrogen Intensity Mapping Experiment) नाम के रेडियो टेलीस्कोप से दिखी गई. इसके बाद से इसमें दर्जनों ऐसी घटनाएं दिखीं, लेकिन इस अप्रैल में दिखी आवृति सबसे स्पष्ट और तेज मानी जा रही है. अब ये देखने की कोशिश की जा रही है कि क्या ये आवृति हजारों प्रकाशवर्ष पहले नष्ट हो चुके तारे से आ रही है या इस सिग्नल के कुछ अलग मायने हैं.


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