google-site-verification=zhxujp9qJ0rj98kET65TY_MNhC4o_QpVLuzV3DzTcD0 fear files: रहस्य और रोमांच से भरी हिमाचल प्रदेश की बेताल गुफा। .....

Tuesday, 5 October 2021

रहस्य और रोमांच से भरी हिमाचल प्रदेश की बेताल गुफा। .....

रहस्य और रोमांच से भरी हिमाचल प्रदेश की बेताल गुफा। ..... 

आज जिस रहस्य को हम आपको बताने जा रहे है वह है हिमाचल कि  बेताल गुफा। हिमाचल को भारतीय देवी-देवताओं के प्रवित्र स्थान के रूप में जाना जाता है।  हिमालय की गोद में बसी एक ऐसी गुफा, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। एक ऐसी ही हिमाचल की पहाड़ियों में बेताल की गुफा स्थित है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसकी दीवारों से देसी घी टपकता रहता था।

यह गुफा हिमाचल  प्रदेश के जिला मंडी के सुंदरनगर में स्थित है। यहाँ भौणबाड़ी की माता शीतला की पहाड़ी तलहटी में उतर दिशा में हमें बेताल गुफा के दर्शन होते हैं ,जहाँ किसी  समय शुद्व देसी घी और बर्तन मिलते थे। मान्यता है कि जो भी इस गुफा से बर्तन या देसी घी मांगता था, उसकी वह इच्छा अवश्य पूर्ण होती थी। इतना ही नहीं यहां की दीवारों से घी टपकता रहता था। गुफा की लंबाई लगभग 40 से 50 मी० और ऊंचाई 15 फीट है। अगर कोई सच्चे दिल के साथ यहां कोई मन्नत मांगता है तो उसकी इच्छा अवश्य पूरी होती है, ये लोगों की मान्यता है। यह गुफा दो तरफ से खुलती है, जिसका एक मुख थोड़ा चौड़ा और दूसरा मुख कम व्यास वाला है। बेताल गुफा के भीतर 30-40 ऐसी मूर्तियां हैं, जिन पर ईश्वर के चित्र अंकित हैं। गुफा में हिंदू देवी-देवताओं की पुरानी प्रतिमाएं बनी हुई है। स्थानीय लोग इन प्रतिमाओं की पूजा करते हैं। 

मान्यता के अनुसार पहले समय में जिस भी घर में विवाह होता था, उस घर का मुखिया पूजा की थाली सजाकर गुफा के द्वार पर सिंदुर से निमंत्रण लिखकर आता था। उसके बाद विवाह के लिए जो भी बर्तन चाहिए होते थे उन्हें वे सच्चे दिल से मांगता था, अगले दिन उसके द्वारा मांगे गए बर्तन गुफा के द्वार पर होते थे, जब विवाह समाप्त होता था तो मुखिया उन बर्तनों को गुफा के बाहर रख आता था। वहां से बर्तन अपने-आप ही गायब हो जाते थे। कहा जाता है कि एक बार किसी व्यक्ति ने बर्तन वापिस नहीं किए, जिसके बाद से इस गुफा से बर्तन मिलने बंद हो गए।

लोगों का यह भी कहना है कि गुफा की दीवारों से देसी घी भी टपकता था, लेकिन बाद में बंद हो गया। मान्यता के अनुसार एक रात एक ग्वाला अपने पशुओं के साथ गुफा में आया। ग्वाला गुफा से टपक रहे घी को बार-बार अपनी रोटी में लगाता और खा जाता था, जिससे घी जूठा हो गया और उसी दिन से गुफा से घी टपकना बंद हो गया। 

स्थानीय लोगों का मानना है कि बेताल की गुफा मनोकामना पूरी करती है, जिसके चलते यह एक आस्था का स्थल बन चुकी है। लोगों की आस्था आज भी इस गुफा से जुड़ी हुई है। लोगों का कहना है कि जब गांव के पशु बीमार पड़ते हैं या दूध देना बंद कर देते हैं तो गुफा के पास पूजा-पाठ करने से सारी समस्याएं दूर हो जाती है। गुफा से संबंधित रहस्य प्राचीन काल में ही समाप्त हो गए, लेकिन गुफा का महत्व अभी भी बरकरार है।

No comments:

Post a Comment

ज्ञानी चोर की गुफा का रहस्य

ज्ञानी चोर की गुफा का रहस्य.....  आज जिस रहस्य कि हम बात करने जा रहे हैं वह है  हरियाणा के रोहतक जिले के महम शहर में एक बावड़ी से है। महम की...